7 शार्ट स्टोरी लघुकथा = अंधा प्यार (जेनर = प्रेम )
लघुकथा
जेनर = प्रेम
शीर्षक = अंधा प्यार
रात के तीन बजे जब चारो और अंधेरा था । ख़ामोशी जैसे उस गांव में डेरा डाल कर बैठी थी सिवाय कुत्तो और गीदड़ो की आवाज़ के अलावा उस रात किसी की आवाज़ नही आ रही थी ।
अंधेरा इतना उस रात मानो अमावस्या की रात भी फिकी लगे उस काली रात के आगे । तभी किसी के कूदने की आवाज़ आती धड़ाम ।
और थोड़ी देर बाद एक अजीब सी किसी को चाकू से रोंदने की आवाज़ आती खच खच । उस घर की दीवारे खून से नहला दी गयी थी हर दीवार से बस खून ही खून टपक रहा था ।
वो किसी एक इंसान का खून नही लग रहा था मानो नरसंहार किया हो किसी ने ऐसा प्रतीत हो रहा था । वो काली रात जो की छटने का नाम नही ले रही थी । उसी घर के एक कोने में बैठी एक 18 साल की लड़की रो रही थी डरी सहमी जिसकी आवाज़ सिर्फ हलक के अंदर कही फस सी गयी थी । वो चीखना तो चाह रही थी पर चीख नही पा रही थी ।
वो काली रात जिसमे कुछ लोगो का बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया था । वो रात छटने लगी थी जैसे जैसे उजाला होता गया उस लड़की की चीख सामने पड़ी लाशो को देख कर स्वयं निकलने लगी ।
वो अपने पेट पर हाथ रख कर ज़ोर से चीखी जिसकी आवाज़ सुन कर मोहल्ले वाले जमा हो गए और जब देखा की जो घर कल तक वहा रहने वाले लोगो से भरा था आज वही लोग खून में नहाये उस घर के आँगन में पड़े है ।
वो कुल 7 लोग थे जिसमे आठवीं वो लड़की सलमा जो सिर्फ जख़्मी हालत में रो रही थी । वो सात लोग जिसमे उस लड़की सलमा के माँ बाप दो बड़ी बहने और दो बड़े भाई और एक रिश्तेदार की लड़की जो करीब 10 साल की थी और उनके घर रहने आयी हुयी थी वो सब लोग अपने अपने बिस्तर पर कटे पड़े थे । ना जाने कौन ऐसा हैवान था जिसने ऐसी हेवानियत दिखाई की बच्ची तक को नही छोड़ा ।
सब लोग बाते कर रहे थे इतने में पुलिस आ जाती और उन सब लाशो का मुआयना करती और सलमा जो की डरी सहमी थी उससे उस रात किया हुआ था जानने की कोशिश करते । लेकिन वो बहुत डरी सहमी थी और कुछ बोल नही पा रही थी पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में लिया और अस्पताल ले गए।
और बाकी लाशो को पोस्टमार्टम कराने भेज दिया। सलमा की मरहम पट्टी हो चुकी थी उसका भी पूरा चेकउप हुआ रिपोर्ट आना बाकी थी उसे सिर्फ चोट पंहुचाई गयी थी।पुलिस उसका बयान लेने के लिए तैयार थी ।
"बताओ सलमा उस रात किया हुआ था " पुलिस ने पूछा
उ,,,, उ,,,,,, उस,,,,,, रात सलमा ने हकलाते हुए कहा
"हाँ, उस रात किया हुआ था? कौन थे वो लोग? और तुम्हे ज़िंदा क्यू छोड़ दिया? , तुम्हारे साथ कुछ गलत किया उन्होंने, कितने लोग थे , ये काम एक इंसान का तो नही लगता ,ज़रूर एक से ज्यादा लोग थे ।" महिला पुलिस ने एक सास में सारे सवाल पूछ लिए
"वो डाकू थे, डाका डालने आये थे हमारे घर पर जब सब लोग सो रहे थे ।" सलमा ने कहा
"जी साहब घर का सारा सामान इधर उधर फेला हुआ था जैसा की चोरी की हो किसी ने " वही खड़े एक दरोगा ने कहा
जी साहब वो डाकू ही थे हम सब लोग सो रहे थे । मैं अंदर कमरे में सो रही थी तभी मुझे बाहर कुछ आवाज़ आयी तो मैं बाहर आ गयी । जैसे ही मैं बाहर आयी तो देखा चार लोग हमारे घर के आँगन में घुस आये है इससे पहले मैं कुछ कहती कि अचानक किसी ने मेरे सर पर प्रहार कर दिया और मैं गिर गयी ।
और जब होश में आयी तो देखा वो लोग मेरे घरवालों को बेरहमी से मार रहे है मेने उन्हें बचाने कि कोशिश की तभी किसी ने आकर मुझे भी मारना चाहा लेकिन उनके एक आदमी ने उन्हें वहा से भागने को कहा।
इसलिए वो मुझे छोड़ कर भाग गए चाकू से थोड़े बहुत जख्म देकर मैं सब को उठाना चाहती थी लेकिन सामने पड़ी लाशो को देख कर मेरी आवाज़ हलक के अंदर ही रह गयी और मैं चाह कर भी कुछ बोल ना सकी।और सुबह हो गयी फिर मेरी चीख निकली और तब गांव वाले आ पहुचे। बस इतनी सी थी कल रात की कहानी । सलमा ने कहा और रोने लगी।
महिला थानेदारनी ने बयान पर सलमा के दस्तखत लिए और बाहर आ गयी और अपने बड़े ऑफिसर को सब कुछ बता दिया।
"तुम्हे कुछ अजीब नही लग रहा है इस्पेक्टर " महिला स्पेक्टर से बड़े इस्पेक्टर ने कहा
"क्या सर?" महिला इस्पेक्टर ने पूछा
"यही की डाकू आये सब को मार दिया सिर्फ उस लड़की को छोड़ कर , इतने लोग जो उस घर में सो रहे थे किसी की आँख नही खुली सब को मार दिया यहाँ तक की उस 10 साल की बच्ची को भी कुछ तो गड़बड़ है ज़रूर सलमा कुछ छिपा रही है हमसे " स्पेक्टर ने कहा
जी सर ये बात तो मुझे भी खटक रही है कि आखिर वो सात लोग सोते के सोते कैसे रह सकते है । कुछ तो है जिस पर से पर्दा हटना बाकी है ।
दो दिन बाद सलीम जो कि सलमा का रिश्तेदार था रोते हुए उसके पास आया और बोला " ये सब किया हो गया सलमा चाचा चाची और उन सब को किसने मारा आखिर कौन थे वो लोग बताओ मुझे "
सलीम को इस तरह सलमा के पास देख पुलिस ने सलीम से पूछ ताज की , आखिर कौन है वो और सलमा के परिवार को कैसे जानता है और वो अब तक कहा था , और हादसे वाली रात वो कहा था ।
सलीम ने डरते हुए कहा कि वो सलमा के भाई का दोस्त है और दो दिन पहले शहर गया था । अपने एक दोस्त के पास काम के सिलसिले में।और भी ना जाने किया कुछ कहा उसने।
पुलिस ने उसे छोड़ दिया। लेकिन उसपर नज़र रखने को कहा और उसका बायो डाटा निकालने को कहा।
छान बीन शुरू हो गयी थी सलीम के बारे में कुछ ऐसा पता चला कि जिससे पुलिस को उस पर शक हो गया । गांव वालो ने बताया कि सलीम सलमा के बड़े भाई आसिम का दोस्त था वो उनके घर आता जाता था । सलीम छोटी बिरादरी का था लेकिन फिर भी आसिम और उसके घर वाले उससे बोल चाल रखते थे । लेकिन पिछले कुछ महीनों से इन दोनों दोस्तों में कुछ अनबन चल रही थी। कुछ हुआ था ज़रूर पर किया ये किसी को नही पता ।
सलीम से पूछताज हुयी जिसमे उसने बताया कि आसिम ने उससे कुछ पैसे उधार लिए थे । लेकिन अब लोटा नही रहा था इसलिए हम दोनों में खटपट चल रही थी। लेकिन मेने उसे नही मारा ना ही उसके घर वालो को।
कोई सबूत ना होने कि वजह से उसे छोड़ दिया गया । पुलिस परेशान थी एक हफ्ता गुज़र गया लेकिन कातिल अभी भी फरार था पुलिस सब चीज़ो को दोबारा जाँच रही थी तभी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ गयी जिसके लिए डॉक्टर ने दोनों पुलिस ऑफिसर को अपने पास बुलाया क्यूंकि उन्हें कुछ ऐसा मिला था जो बहुत ज़रूरी था ।
डॉक्टर ने उन सातों लोगो की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट दिखाते हुए कहा कि इन लोगो का क़त्ल धारधार हथियार से ही हुआ था । लेकिन इन्होने अपने बचाव में कोई हाथ पैर नही चलाया जिसकी वजह से इनके उपर कोई और जख्म नही थे ।
"लेकिन डॉक्टर साहब ऐसा कैसे हो सकता है , सात लोग जिन पर हमला किया गया हो और वो लोग उठे ना हो और अपने आप को बचाने कि कोशिश भी नही कि कैसे " इस्पेक्टर ने पूछा
इसी गुथी को सुलझाने के लिए मेने आपको बुलाया है क्यूंकि चोर हो या कातिल कोई ना कोई सबूत छोड़ जाता है और ऐसा इन लोगो ने भी किया। आप लोग यही सोच रहे है कि आखिर वो सात लोग उठे क्यू नही जब उन पर प्रहार हुआ। वो इसलिए क्यूंकि उन्हें नींद कि दवाई दी गयी थी जो उनके खून से हमें मिली। यानी कि उन्हें सुलाया गया था नशीली दवाई खिलाकर । इसलिए वो लोग नही उठे
इस्पेक्टर ये सुन चौक उठा और बोला " आखिर क्यू, अगर उन सब को नशीली दवाई खिलाई गयी थी तो फिर सलमा कैसे जाग गयी। किया उसने वो नशे वाली चीज नही खायी "
"हो सकता है , उस पर नशे का असर कम हुआ हो और या फिर वही उन सब की कातिल हो सकती है ये तो सलमा के खून की जाँच से ही पता चलेगा की उसके खून में भी वो नशीला पदार्थ था की नही। लेकिन अब तो एक हफ्ता गुज़र गया जो भी उसके खून में होगा निकल गया होगा " डॉक्टर ने कहा
"एक तरीका है जिससे पता चल सकता है , क्यूंकि सलमा जख़्मी थी उसे अस्पताल लाया गया था और वहा उसका इलाज भी हुआ था और कुछ जाँच भी हुयी थी लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक नही आयी है या फिर वो रिपोर्ट डॉक्टर के पास है अगर उन रिपोर्ट को दोबारा जाँचा जाए तो ज़रूर पता लग सकता है " महिला इस्पेक्टर ने कहा
बिलकुल सही कहा अभी अस्पताल चलते है और दूध का दूध पानी का पानी करते है ।
नर्स ने सलमा की रिपोर्ट ढूंढ़ी जो की आ चुकी थी लैब से और डॉक्टर को दिखाई जिसे देख कर पता चला कि सलमा माँ बनने वाली थी जबकी सलमा अविवाहित थी । वो बच्चा किसका था ये बात स्वयं सलमा ही बता सकती थी और उसके खून में नशीला पदार्थ भी नही था ।
पुलिस की टीम सलमा के घर गयी जहाँ सलीम उसके साथ बैठा था । वो दोनों पुलिस को देख कर डर गए ।
"किया हुआ साहब अचानक कैसे आना हुआ, कातिल मिल गए किया"सलीम ने पूछा
"हाँ मिल जाएंगे बहुत जल्द क्यूंकि सबूत मिल गया है , जो बताता है की वो एक हादसा नही सोची समझी साजिश थी उन लोगो को मारने की "इस्पेक्टर ने कहा
तुम दोनों हमारे साथ चलो हमें तुमसे कुछ पूछना है सलमा , सलमा तुम्हारे पेट में ये बच्चा किसका है कौन है इसका बाप पुलिस ने पूछा
ये सुन कर सलमा के होश उड़ गए उसने सलीम की तरफ देखा । सलीम जो की भागने लगा किन्तु पुलिस ने उसे पकड़ लिया और पूछा " कि आखिर वो कहा भाग रहा था बच्चे वाली बात सुन कर "
सलमा को भी हिरासत में लिया गया और सलीम को भी दो दिन कि मार ने सलीम कि जुबान खुलवा दी और सलमा की भी उन्होंने बताया" कि मैं और सलमा एक दूसरे से प्यार करते थे , मैं सलमा के घर आसिम के दोस्त की तरह आता था । लेकिन मुझे सलमा से मोहब्बत हो गयी और सलमा को मुझसे हम दोनों चोरी छिपकर मिलने लगे । हम दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन मेरी बिरादरी और सलमा की बिरादरी अलग अलग थी ।
एक दिन आसिम ने अपने घर में हम दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया जब सलमा के घर वाले शादी में गए थे । मेरी और आसिम की बहुत लड़ाई हुयी सलमा के घर वालो ने उसे मुझसे मिलने से रोक दिया लेकिन कुछ दिन बाद सलमा ने बताया की वो माँ बनने वाली है लेकिन उसके घर वाले उसे जबरदस्ती ये बच्चा गिराने को कह रहे है ।
बस फिर हम दोनों ने मंसूबा बनाया और उस रात उन सब के खाने में नींद की गोली मिलाकर सुला दिया और रात को 3बजे मैने सलमा के साथ मिलकर उन सातों लोगो का गला रोंद दिया हम दोनों मोहब्बत में इतने अंधे हो गए की सात लोगो को जिसमे एक 10 साल की मासूम भी शामिल थी उसे भी मौत के घाट उतार दिया।
हमें लगा की सारा इल्जाम डाकुओ पर लगा कर यहाँ से भाग जाएंगे और शहर जाकर अपनी दुनिया बसाएंगे। "
दोनों के पुलिस ने थप्पड़ मारा और कहा " अब तुम शहर नही सीधा जैल के अंदर जाओगे तुम दोनों प्यार में इतने अंधे हो गए की सात ज़िन्दगीयों को तुमने अपनी मोहब्बत के भेट चढ़ा दिया इससे तो तुम भाग जाते घर से कामस्काम कातिल तो ना बनते सात लोगो के खून के "
उन दोनों को जैल में बंद कर दिया गया । और अगले दिन कोर्ट ले जाया गया सलीम को तो उम्र कैद उसी वक़्त सुना दी गयी जबकी सलमा को उसका बच्चा पैदा करने तक नज़रबंद कर दिया गया । वो बच्चा जो उन दोनों के प्यार की निशानी था लेकिन ज़िन्दगी भर अपनी माँ और बाप को जैल मे मरता हुआ देखेगा उन दोनों के अंधे प्यार ने उन्हें कातिल बना दिया।
जेनर = प्रेम
Seema Priyadarshini sahay
14-May-2022 05:40 PM
बहुत खूबसूरत कहानी
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Reyaan
13-May-2022 07:36 PM
Very nice
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Neha syed
12-May-2022 09:25 PM
अच्छा लिखा है
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